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कार इंजन कूलिंग क्या है और यह कैसे काम करता है।

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  इंजन कूलिंग सिस्टम कार इंजन कूलिंग क्या है और यह कैसे काम करता है। वाहन के रखरखाव और अच्छी परफॉर्मेंस के लिऐ वाहन मै इंजन का कूलिंग सिस्टम एक महत्वपूर्ण भाग हैं। इंजन का कूलिंग सिस्टम इंजन मै काम करने वाले पार्टस से जो तापमान बढ़ता है, उस तापमान को मेनटेन करने का काम करता है जिससे इंजन को कोई नुकसान ना हो और इंजन सही तरीके से काम करे और इंजन की परफार्मेंस अच्छी बनी रहे। कूलिंग सिस्टम इस तापमान को हवा में ट्रांसफर करता है, जिससे इंजन को अधिक गरम होने से बचाया जा सकता है। अगर कूलिंग सिस्टम में कोई त्रुटि हो जाए तो इंजन के कई पार्टस मै फेलियर हो सकता है ,जिसके परिणामस्वरूप महंगी मरम्मत का खर्च। कूलिंग सिस्टम मै कई पार्ट्स होते हैं ,जो की साथ साथ काम करते हुए इस सिस्टम की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाते हैं एवम इंजन को ज़्यादा गरम होने से बचाने के साथ इंजन की परफार्मेंस को बेहतर बनाए रखते हैं। कूलिंग सिस्टम में मुख्यता रेडिएटर,वाटर पंप,थर्मोस्टेट सहित कई पार्ट्स होते हैं, जो इंजन के तापमान को नियंत्रित करने के लिए एक साथ काम करते हैं। इस ब्लॉग में, हम जानेगे कूलिंग सिस्टम कितने ...

टर्बोचार्जर और इंटरकूलर

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एक टर्बोचार्जर और इंटरकूलर इंजन के सिलेंडरों में ऑक्सीजन युक्त हवा की मात्रा बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते हैं, जिससे अधिक शक्ति और बेहतर ईंधन दहन हो सकता है। टर्बोचार्जर टर्बोचार्जर, जिसे अक्सर "टर्बो" कहा जाता है, आधुनिक आईसी इंजनों मै एक इंपोर्टेंट पार्ट होता है। टर्बो इंजन के दहन के बाद निकलने वाली निकास गैस को कंप्रेस्ड करके, इंजन मै आने वाली फ्रैश हवा के साथ मिलती है, जिससे इंजन के सिलेंडरों को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है यह क्रिया आईसी इंजनों के प्रदर्शन और दक्षता को बढ़ाता है, यह संपीड़ित हवा अधिक कुशल दहन की अनुमति देती है, जिसके परिणामस्वरूप अधीक पावर उत्पन होती है और ईंधन दक्षता में सुधार होता है। टर्बोचार्जर ने ऑटोमोटिव उद्योग में क्रांति ला दी है, जिससे छोटे इंजन एमिशन को कम करते हुए बड़े इंजनों की शक्ति का उत्पादन करने में सक्षम हो गए हैं। वे अब आमतौर पर स्पोर्ट्स कारों से लेकर ट्रकों तक के वाहनों की एक विस्तृत श्रृंखला में पाए जाते हैं। टर्बोचार्जर क्या है? टर्बोचार्जर, जिसे टर्बो के रूप में भी जाना जाता है, का नाम ग्रीक शब्द "τωρβη" (जिसका अर्थ...

Muffler and Catalytic Converter

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  Muffler/Silencer   मफलर और साइलेंसर एक ही चीज है। उत्तरी अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई में मफलर कहा जाता है, जबकि ब्रिटिश में इसे साइलेंसर कहा जाता है। मफलर वाहन के निकास प्रणाली का एक हिस्सा है जो इंजन के पिस्टन और वाल्व द्वारा उत्पन्न शोर को कम करता है। जब निकास वाल्व खुलता है, तो निकास प्रणाली में बड़ी मात्रा में जली हुई गैसेस निकलती हैं, जो शक्तिशाली ध्वनि तरंगें बनाती हैं। मफलर द्वारा इन ध्वनियों के शोर को कम किया  जाता है।                           Car muffler   मफलर, जिसके माध्यम से आंतरिक-दहन इंजन से निकलने वाली गैसों को बाहर निकालना और इन गैसेस से पैदा होने वाले इंजन के शोर को कम करने का होता  है। मफलर का डिजाइन ऐसा होना चाइए की जब एक्जास्ट वाल्व खुलता है तो एक्जास्ट गैसों के वेग को कम करके इंजन द्वारा पैदा शोर को कम करना होता है।मफलर में उपयोग की जाने वाली विशिष्ट ध्वनि-अवशोषित सामग्री महीन रेशों की एक मोटी परत होती है,तंतु ध्वनि तरंगों के कारण कंपन करते हैं, जिससे ध्वनि ऊर्जा ऊष्मा में परिवर...

Intek and Exhaust manifold

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  इनटेक मैनिफोल्ड   इनटेक मैनिफोल्ड  इंजन में आने वाले इंधन / हवा के मिश्रण को सभी सिलेंडरों में समान रूप से वितरित होने के काम को कंट्रोल करता है। वितरित होने वाले इंधन/हवा का उपयोग दहन प्रक्रिया मै सक्शन स्ट्रोक के दौरान किया जाता है। इंटेक मैनीफोल्ड सिलेंडर को ठंडा करने में भी मदद करता है, ताकि इंजन ज़्यादा गरम न हो। आंतरिक दहन इंजन वाले वाहनों में इनटेक मैनीफोल्ड का इंजन की दहन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण काम होता है।  इनटेक मैनीफोल्ड इंजन के टॉप पर होता है और समय पे एयर फ्यूल मिक्सचर,स्पार्क और दहन मै महत्त्वपूर्ण कार्य करता है,आंतरिक दहन इंजन मै सक्शन स्ट्रोक इनटेक मैनीफोल्ड पर निर्भर करता है।इनटेक मैनिफोल्ड एक इंजन का हिस्सा है जो सिलेंडरों को ताजी हवा की आपूर्ति करता है। यह वायु सेवन, थ्रॉटल बॉडी, एयर फिल्टर और ईंधन वितरण प्रणाली के साथ काम करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इंजन द्वारा हवा और ईंधन का उचित मिश्रण जलाया जा रहा है। यदि एयर फिल्टर डस्ट से भरा हुआ है, तो यह वायु-ईंधन के अनुपात को गड़बड़ कर सकता है। इसलिए एयर फिल्टर एवम थ्रॉटल बॉडी को समयानुसा...

इंजन पार्टस

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इंजन पार्टस के बारे मै जानकारी आप को कार के इंजन को चलाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इंजन का मुख्य कार्य एयर फ्यूल मिक्सचर को स्पार्क या कंप्रेस्ड कर के ऊर्जा को पावर मै बदलना होता है,और इंजन द्वारा पैदा की गई पावर द्वारा वाहन को चलाने की शक्ति पैदा करना है। हम मै बहुत ये सोचते है की आंतरिक दहन (इंटरनल कंब्यूशन) , पावर  और पावर द्वारा बनी शक्ति,वाहन को चलाना ये सभी कार्य केवल इंजन करता है,लेकिन इन सभी कार्यों को करने के लिए इंजन में लगे बहुत से पार्टस होते हैं जो एक साथ काम करते हैं । इस तरह इंजन एक सील्ड यूनिट होती है जिसमे बहुत से कंपोनेंट होते हैं जो अपना अपना काम एक साथ करते हुए वाहन को गति प्रदान करते हैं। आप मै से बहुत ने इन कॉम्पनेंट का नाम सुना है,लेकिन इन कॉम्पनेंट का क्या कार्य है और इन कॉम्पनेंट के खराब होने से वाहन मै क्या ट्रबल आ सकती है ये आज हम विस्तार से जानेंगे। इंजन कंपोनेंट्स इंजन ब्लॉक – यह इंजन का महत्वपूर्ण भाग है। इंजन ब्लॉक  एल्यूमीनियम या लोहे से बना होता है,  इंजन ब्लॉक मै  पिस्टन सिलेंडर एवम इंजन को ठंडा और लुब्रिकेट करने के लिए ...

New Cars in 2024

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New Cars in 2024 नई कार 🚗🚗🚗 खरीदनी हो तो आप के मन मैं आज के समय को देखते हुए सवाल रहता है, कौनसी कार खरीदे ? तो आप को बताते है , आप लिऐ क्या बेस्ट आप्शन हो सकते है। नई कूप-स्टाइल SUV खरीदनी है तो आप के हे   3 बेस्ट ऑप्शन, कीमत भी बजट में। यहां जानिए पूरी डिटेल्स कूप एसयूवी एक स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल है जिसमें पीछे की तरफ ढलान वाली छत होती है। ढलान वाली छत का उपयोग इसके रेगुलर एसयूवी सिवलिंग की तुलना में बेहतर स्टाइलिंग को देखते हुए किया जाता है। भारतीय ग्राहकों के बीच मुख्य रूप से तीन बॉडी स्टाइल वाली कारें सबसे ज्यादा पॉपुलर है। इनमें एसयूवी, हैचबैक और सेडान सेगमेंट शामिल हैं। हालांकि, भारतीय ग्राहक हमेशा से प्रोग्रेसिव रहे हैं और नई स्टाइल को जल्द अडॉप्ट कर लेते हैं। इसे देखते हुए मार्केट में कूप-स्टाइल एसयूवी ट्रेंड करने लगी है। कूप एसयूवी एक स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल है जिसमें पीछे की तरफ ढलान वाली छत होती है। ढलान वाली छत का उपयोग इसके रेगुलर एसयूवी सिवलिंग की तुलना में बेहतर स्टाइलिंग को देखते हुए किया जाता है। बता दें कि हाल में ही भारतीय मार्केट में सिट्रोएन बेसाल्...

Measurment of Engine

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🚜दोस्तो नमस्कार 🙏में अनिल आप को इस ब्लॉग के माध्यम से इंजन की परफार्मेंस नापने के अलग अलग मापदंडों के बारे मै बताने जा रहा हूं। आशा करता हु ,आप को मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आएगी । ज्यादा से ज्यादा सब्सक्राइब और लाइक करे।🙏🙏🙏 क्यूबिक कैपेसिटी   क्यूबिक कैपेसिटी  वॉल्यूम की एक इकाई होती हे जो इंजन में लगे सभी सिलेंडरों के टोटल वॉल्यूम को मापती है, जिसे इंजन का डिस्प्लेसमेंट भी कहते  है।  एक अधिक सीसी क्षमता वाले वाहन का मतलब है, इंजन मै अधिक पावर पैदा करने के लिए अधिक हवा और ईंधन को कंप्रेस्ड किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक पावर एवम टॉर्क तो पैदा होता है लेकिन वाहन में फ्यूल कंजप्शन अधिक होता है। सीसी इंजन के आकार और क्षमता से निर्भर करती है। सीसी पिस्टन के टॉप डेड सेंटर (टीडीसी) और बॉटम डेड सेंटर (बीडीसी) के बीच जो वॉल्यूम होता है उसे डिस्क्राइब करती है ,टीडीसी और  बीडीसी के बीच ही एयर फ्यूल का दहन होता है। सीसी या डिस्प्लेसमेंट वो वॉल्यूम है जो पिस्टन की सिलेंडर के अंदर टीडीसी से बीडीसी या बीडीसी से टीडीसी चलने पर बनता है। सीसी मेजरमेंट ...

टॉर्क कनवर्टर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन

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  T orque converter टॉर्क कनवर्टर,ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाले वाहन में  प्राइम मूवर को ऑटोमैटिक गियर ट्रेन से जोड़ता है, जो फिर लोड को वहन के पहियों तक ट्रांसफर करता है।  टॉर्क कनवर्टर इंजन के फ्लाइवहील और ट्रांसमिशन के बीच स्थित होता है। मैनुअल ट्रांसमिशन में यह काम मैकेनिकल क्लच करता है।हा इड्रोलिक सिस्टम की मदद से, टॉर्क कनवर्टर कार को रुकने और चलने की अनुमति देता है। टॉर्क कनवर्टर इंजन से ट्रांसमिशन तक पावर भी स्थानांतरित करता है और ये पावर गाड़ी की स्पीड के अनुसार गीयर ट्रेन से वाहन को चलाने मै सहायता करती हैं। टॉर्क कनवर्टर का एक अन्य कार्य यह है कि यह कार ट्रांसमिशन और इंजन के बीच कई घुमावों की अनुमति देता है। टॉर्क कन्वर्टर्स के पांच मुख्य भाग होते हैं: इंपेलर, टरबाइन, स्टेटर, एक क्लच और ट्रांसमिशन ऑयल होते है। टॉर्क कन्वर्टर के अंदर लगा इम्पेलर एक तरह का सेंट्रीफ्यूगल पंप होता है। जैसे ही यह घूमता है, ट्रांसमिशन ऑयल बाहर की ओर फेंका जाता है, ठीक वैसे ही जैसे वॉशिंग मशीन का स्पिन चक्र पानी और कपड़ों को वॉश टब के बाहर फेंकता है। जैसे ही ट्रांसमिशन ऑयल बाहर की ओर फ...

Car Sencers and Working

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आज हम जानेंगे कार मै वाहन चालक को सेंसर्स के क्या फायदे और जरूरत हे। आधुनिक कारों में बहुत प्रकार के सेंसर होते है,जो वाहन की दक्षता , सुरक्षा  और कस्टमर को उनसे मिलने वाले फायदे में अनेक प्रकार से संयोग करते हैं। ऑटोमोटिव कार सेंसर आधुनिक कारों के आवश्यक कंपोनेंट हैं जो की वाहन के नियंत्रण सिस्टम को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। ये सेंसर गति, तापमान, दबाव और अन्य महत्वपूर्ण मापदंडों सहित कार की परफार्मेंस  के विभिन्न पहलुओं को मापते और मॉनिटर करते हैं। ये सेंसर क्या कार्य करते हैं?  ये सेंसर वाहन को ढेर सारी जानकारी प्रदान करने, सुरक्षा, दक्षता और सुविधा बढ़ाने में योगदान करते हैं। जीपीएस सेंसर नेवीगेशन में सहायता करते हैं, सेलुलर मॉडेम वास्तविक समय के ट्रैफ़िक अनुसार जगह तक पहुंचने की सुविधा प्रदान करते हैं, और कार में लगे कैमरे ड्राइवरों को दुर्घटना से बचने में सहायता करते हैं। यह कनेक्टिविटी कारों को अन्य वाहनों, बुनियादी ढांचे और व्यक्तियों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाती है। कनेक्टेड कारें कई फायदे प्रदान करती हैं, जिनमें बढ़ी हुई सुरक्...

कंटीन्यूअसली वेरिएबल ट्रांसमिशन

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CVT  Transmission  कंटीन्यूअसली वेरिएबल ट्रांसमिशन (सीवीटी) ट्रांसमिशन इस ब्लॉग मै आपको सीवीटी ट्रांसमिशन और उसके हिस्सों काम करने के तरीके और फायदों के बारे मै बताया जाएगा । यह एसएससी जेई, एमई और आरआरबी जेई मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसी आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। सीवीटी ट्रांसमिशन क्या है? सीवीटी एक स्वचालित ट्रांसमिशन है इसमें दो pulleys को एक स्टील बेल्ट के द्वारा चलाया जाता  है।जो की गियर अनुपात को लगातार बदलते हैं सीवीटी "ड्राइव पुली" के व्यास को एडजस्ट करता है एवम इंजन से टॉर्क को ड्रिवन पुली के माध्यम से पहियों में स्थानांतरित करता है। सीवीटी वाहन को शिफ्ट-शॉक से बचाता है और आराम दायक  ड्राइविंग प्रदान करता है, जिससे यह एक असाधारण ट्रांसमिशन समाधान बन जाता है। इसे ऐसे भी समझ सकते है। कंटीन्यूअसली वेरिएबल ट्रांसमिशन जिसे आमतौर पर सीवीटी के रूप में जाना जाता है, कई आधुनिक वाहनों में पाया जाने वाला एक अलग प्रकार का स्वचालित ट्रांसमिशन सिस्टम है। ऑटोमोबाइल में पारंपरिक स्वचालित ट्रांसमिशन सिस्टम जो गति और शक्ति को मैनेज करने के लिए गियर के एक निश्...

डुअल-क्लच गियरबॉक्स

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DCT (Dual Clutch Transmission ) जैसा की चित्र मै दिखाया गया है। डुअल-क्लच गियरबॉक्स में दो क्लच होते हैं, लेकिन कोई क्लच पेडल नहीं होता है। जबकि मैनुअल ट्रांसमिशन मै क्लच एंगेजमेंट के लिए ड्राइवर को क्लच पेडल का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। डीसीटी मै इलेक्ट्रॉनिक्स यूनिट क्लच के एंगेजमेंट को नियंत्रित करता है, ट्रांसमिशन के आंतरिक हाइड्रोलिक्स को कमांड जारी करता है।  एक क्लच विषम संख्या वाले गियर को नियंत्रित करता है और दूसरा सम गियर को नियंत्रित करता है। यह सेटअप इंजन की पावर को ट्रांसमिशन तक बिना रुकावट के गियर शिफ्ट करने की अनुमति देता है। चयनित गियर के आधार पर, डीसीटी के साथ कार चलाते समय, आंतरिक ट्रांसमिशन में से एक इंजन के साथ जुड़ा होता है और कार को पावर देता है जबकि दूसरा इंजन से अलग हो जाता है लेकिन उपयोग के लिए अगले गियर को पूर्व-चयनित किया जाता है। गियर के बीच परिवर्तन तेज होता है, और ड्राइव लाइन के माध्यम से टॉर्क की पावर को बिना रोके आगे स्पीड के अनुसार संचालित करता है। आगे बताया जाएगा DCT ऐंड CVT का डिफरेंसेज

इंटेलिजैनट मैनुअल ट्रांसमिशन एंड ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन वर्किंग

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  Intelligent Manual Transmission and AMT(Automated Manual Transmission) आज, पहले से कहीं अधिक लोग स्वचालित कार चलाना चुन रहे हैं। भीड़भाड़ वाली सड़कें, अधिक यातायात की स्थिति जहा बार बार गीयर चेंज करना मुश्किल होता है,खास कर के महिलाए एवम  ओल्ड एज व्यक्तियों के लिए जिन्हे बार बार गीयर शिफ्ट करने मै मुश्किल होती है। जनरल मोटर्स द्वारा 1948 के आसपास व्यावसायिक रूप से ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन सिस्टम की शुरुआत की गई थी। स्वचालित कारें, जैसा कि नाम से पता चलता है, उन लोगों के लिए हैं ,जो ड्राइविंग का आसान, सुविधा युक्त, सुरक्षित अधिक आरामदायक तरीका चाहते है। समय समय पर स्वचालित ट्रांसमिशन तकनीकी में सुधार होते गए हैं। इस लेख में हम एएमटी और आईएमटी ट्रांसमिशन के बारे मे आपको बताएंगे। जबकि दोनों ट्रांसमिशन अपने कार्य करने के तरीके में एक-दूसरे से बहुत अलग हैं, IMT और AMT को वास्तव में संचालन और उपयोगकर्ता इनपुट में कुछ अंतर के साथ एक ही प्रणाली पर आधारित माना जा सकता है। जानते हैं, कैसे। IMT का मतलब इंटेलिजेंट मैनुअल ट्रांसमिशन है।    इस  ट्रांसमिशन मे क्लच पेडल...

मैनुअल ट्रांसमिशन

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  llearnautomobile1992.blogspot.com   आइए अब विभिन्न प्रकार के गियरबॉक्स को समझते है। (1) Manual Transmission:- मैनुअल ट्रांसमिशन एक गियर बॉक्स है आज अधिकतम वाहनों मे इसका उपयोग होता है, इसमें  वाहन चालक द्वारा ही गियर लीवर के माध्यम से वाहन की गति के अनुसार गियर शिफ्ट करने होते है, कम गियर अनुपात अधिक टॉर्क, लेकिन कम गति प्रदान करते हैं, जबकि उच्च गियर अनुपात कम टॉर्क, लेकिन उच्च गति प्रदान करते हैं। इंजन को ट्रांसमिशन से जोड़ने और अलग करने के लिए फ्लाईव्हील, प्रेशर प्लेट और क्लच का उपयोग किया जाता  है। फ्लाईव्हील और प्रेशर प्लेट इंजन से जुड़े होते हैं। गीयर बॉक्स के अंदर गियर की एक श्रृंखला होती है जो पहियों की गति और टॉर्क को नियंत्रित करती है। सभी गियर इनपुट,आउटपुट और काउंटर  शाफ्ट्स पर एक सीरीज में व्यवस्थित होते हैं। प्रत्येक शाफ्ट में कई गियर होते है, और इन गियर को वाहन चालक द्वारा गीयर लिवर के माध्यम से वाहन की गति अनुसार जोडा या हटाया जा सकता है। मैनुअल ट्रांसमिशन में मुख्य रुप से तीन प्रकार के गियरबॉक्स का उपयोग किया जाता है (1)Sliding Mesh gea...

गियरबॉक्स कैसे कार्य करता है

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  गियरबॉक्स कैसे कार्य करता है इसके मुख्य बिंदु नीचे दिए गए हैंः गियर बॉक्स को ट्रांसमिशन के रूप में भी जाना जाता है, गियरबॉक्स में अलग-अलग नाप या आकार के गियर होते है, जिनका गियर अनुपात अलग-अलग होता है,इन विभिन्न गियर अनुपातो का उपयोग करके इंजन की ताकत को वाहन के पहियों तक ट्रांसफर करने में मदद करता है। गियर बॉक्स वाहनों में इंजन और पहियों के बीच स्थित होता है। गियर बॉक्स में  कई गियर, इनपुट शाफ़्ट, आउटपुट शाफ़्ट और बीयरिंग होते हैं। Internal combustion engine वाले वाहनों में गियरबॉक्स एक जरूरी माध्यम है, जो इंजिन की ताकत को अलग- अलग गति में परिवर्तित कर के वाहनों के पहियों तक ट्रांसफर करने में मदद करता है। इसका काम इंजन की शक्ति को अलग- अलग टॉर्क में बदलना और पहियों तक पहुंचाना है।गियरबॉक्स में एक ड्राइव Shaft होती है, जो की सभी गियर से जुडी रहती है। इसे लेशाफ्ट कहते है ,लेशाफ्ट में कई गियर हैं जो इन गियर के साथ अच्छी तरह से अरेंज्ड रहती हे। गियर और मुख्य शाफ्ट के बीच कोई सीधा संबंध नहीं  होता है। ये गियर मुख्य शाफ्ट के चारों ओर बिना रुकावट के घूम सकते हैं। गियर योक जो ...