इंटेलिजैनट मैनुअल ट्रांसमिशन एंड ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन वर्किंग
Intelligent Manual Transmission and AMT(Automated Manual Transmission)
आज, पहले से कहीं अधिक लोग स्वचालित कार चलाना चुन रहे हैं। भीड़भाड़ वाली सड़कें, अधिक यातायात की स्थिति जहा बार बार गीयर चेंज करना मुश्किल होता है,खास कर के महिलाए एवम ओल्ड एज व्यक्तियों के लिए जिन्हे बार बार गीयर शिफ्ट करने मै मुश्किल होती है।
जनरल मोटर्स द्वारा 1948 के आसपास व्यावसायिक रूप से ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन सिस्टम की शुरुआत की गई थी। स्वचालित कारें, जैसा कि नाम से पता चलता है, उन लोगों के लिए हैं ,जो ड्राइविंग का आसान, सुविधा युक्त, सुरक्षित अधिक आरामदायक तरीका चाहते है।
समय समय पर स्वचालित ट्रांसमिशन तकनीकी में सुधार होते गए हैं। इस लेख में हम एएमटी और आईएमटी ट्रांसमिशन के बारे मे आपको बताएंगे।
जबकि दोनों ट्रांसमिशन अपने कार्य करने के तरीके में एक-दूसरे से बहुत अलग हैं, IMT और AMT को वास्तव में संचालन और उपयोगकर्ता इनपुट में कुछ अंतर के साथ एक ही प्रणाली पर आधारित माना जा सकता है। जानते हैं, कैसे।
IMT का मतलब इंटेलिजेंट मैनुअल ट्रांसमिशन है। इस ट्रांसमिशन मे क्लच पेडल को हटा देते है । यह काम एक सेंसर, हाइड्रोलिक क्लच एक्टुएटर और एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन कंट्रोल यूनिट करता है। फिर इन्हे कन्वेंशनल एच गियरबॉक्स के साथ जोड़ा जाता है जो की कार के इंजन की गति के साथ काम करता है। इसे और भी सरल शब्दों में समझाने के लिए, IMT ट्रांसमिशन मे क्लच पेडल को हटा देते है और ‘इन-बिल्ट’ क्लच का उपयोग करने के लिए सेंसर्स का उपयोग करते है। गियर शिफ्ट करने की जिम्मेदारी ड्राइवर के हाथ मे होती हे।इसमें मुख्य रुप से एक इंटेलिजेंट इंटेंशन सेंसर, हाइड्रोलिक क्लच एक्ट्यूएटर, और एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन कंट्रोल यूनिट होती है,इसे गीयर शिफ्ट यूनिट भी कहते हे इस गीयर शिफ्ट यूनिट को कन्वेंशनल एच गियरबॉक्स के साथ जोड़ा जाता है जो की कार के इंजन की गति के साथ काम करता है।
AMT stands for Automated Manual Transmission.
यह ट्रांसमिशन आईएमटी का इंप्रोव्ड वर्जन है,जो मैन्युअल ट्रांसमिशन को पूर्ण रुप से स्वचालित बनाता है। आईएमटी की तरह एएमटी मै भी क्लच पेडल नही होता है एवम ड्राइवर को पूर्ण रूप से गीयर शिफ्ट करने की जरूरत नही होती है, जिससे ड्राइवर का काम केवल एक्सीलरेशन और ब्रेकिंग का ही रह जाता है। एएमटी प्रणाली सेंसर्स और मैकेनिकल पार्टस की एक सिरीज की मदद से काम करती है, जिन्हे पूर्व-प्रोग्राम की गई कारों मै लगे ईसीयू (इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट) द्वारा संचालित किया जाता है कि क्या करना है। सेंसर और एक्चुएटर्स ,क्लच और शिफ्ट गियर को इंगेज करने के लिए साथ साथ काम करते हैं और इसलिए, ड्राइवर को केवल एक्सीलरेशन और ब्रेकिंग का काम ही रहता है।
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