ब्रेकिंग सिस्टम के मुख्य कंपोनेंट
कार के ब्रेकिंग सिस्टम के मुख्य कंपोनेंट
मास्टर सिलेंडर
जब ड्राइवर ब्रेक पेडल दबाता है तो मास्टर सिलेंडर द्वारा हाइड्रोलिक दबाव बनता है जो ब्रेक लाइनों के माध्यम से ब्रेक ऑयल को धक्का देता है।ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में मास्टर सिलेंडर एक कंट्रोल यूनिट है जो फोर्स को हाइड्रोलिक दबाव में परिवर्तित करता है। यह ब्रेक पेडल को दबाने से यांत्रिक बल को परिवर्तित करके हाइड्रोलिक दबाव उत्पन्न करता है। यह दबाव ब्रेक कैलीपर्स या ड्रम ब्रेक द्वारा पहियों पर ट्रांसफर होता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वाहन रुक जाए या धीमा हो जाए।
ब्रेक मास्टर सिलेंडर वाहन के ब्रेकिंग सिस्टम में सबसे महत्वपूर्ण कंपोनेंट है क्योंकि यह सिस्टम के बाकी के कंपोनेंट को वाहन की गति के अनुसार सेट करता है। मास्टर सिलेंडर को ब्रेक पेडल पर दबाकर सक्रिय किया जाता है, जो ब्रेक लाइनों के माध्यम से ब्रेक ऑयल को रिक्वायर्ड प्रेशर को मास्टर सिलेंडर के माध्यम से पिस्टन को बाहर की और धक्का देता है। दूसरे शब्दों में, मास्टर सिलेंडर हाइड्रोलिक दबाव बनाता है जो ब्रेक ऑयल को प्रत्येक पहिये पर ब्रेक कंपोनेंट तक भेजता है।
डिफेक्टिव मास्टर सिलेंडर
मास्टर सिलेंडर वाहन मै मेंटेनेंस फ्री होते है एवम लांग टर्म तक चलने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, लेकिन कभी-कभी लीकेज या मैकेनिकल फॉल्ट डेवलप हो जाते हैं।
(A) सॉफ्ट ब्रेक पेडल
यदि मास्टर सिलेंडर में लीकेज हो या ठीक से सील नहीं किया गया है तो ब्रेक पेडल दबाने पर सॉफ्ट या धीरे-धीरे फ्लोर की तरफ मूव करता है । इस इंडिकेशन से पता लगता है कि मास्टर सिलेंडर मै कही ना कही लीकेज हो सकता है।
(B) गंदा ब्रेक ऑयल: यदि ब्रेक ऑयल गहरे भूरे या काले रंग का दिखाई देता है,तो यह दर्शाता है कि मास्टर सिलेंडर की रबर सील क्रैक हो गई है और बैक प्रेशर के कारण ब्रेक ऑयल गंदा कर दिया है।
(C) ब्रेक ऑयल लीकेज
मास्टर सिलेंडर की सील क्रैक होने पर ,ब्रेक ऑयल कंटेनर या कोई ऑयल लाइन लीकेज होने की कंडिशन मै रिसाव हो सकता है जो वाहन के नीचे जमीन पर ब्रेक ऑयल टपकता है।
(D) इंजन लाइट
डिफेक्टिव मास्टर सिलेंडर के कारण ब्रेक सिस्टम का दबाव कम हो जाता है जिससे सेंसर द्वारा चेक इंजन लाइट चालू हो जाती है।
ब्रेक बूस्टर
इसे पावर ब्रेक बूस्टर भी कहा जाता है,यह ब्रेक पेडल द्वारा वाहन को रोकने के लिए मास्टर सिलेंडर पर लगाए गए बल को कई गुना बढ़ा देता है।
ब्रेक बूस्टर पावर ब्रेक सिस्टम का एक कंपोनेंट हैं। ये ब्रेक पेडल द्वारा मास्टर सिलेंडर पर लगाए गए फोर्स को मल्टीपल करता हैं। ब्रेकिंग को अधिक इफेक्टिव बनाने के लिए लक्जरी ,रेसिंग एवम हैवी ड्युटी वाहनों पर पावर ब्रेक का उपयोग किया जाता हैं।
बिना ब्रेक बूस्टर वाले वाहनों को धीमा या रोकने के लिए अधिक ताकत की जरूरत होती है, अधिकांश ब्रेक बूस्टर वैक्यूम-बूस्टेड होते हैं,ब्रेक पैडल के फोर्स को मल्टीपल करने के लिए इंजन द्वारा बूस्टर के डायाफ्राम के अंदर एक वैक्यूम उत्पन्न करता है।
डिफेक्टिव ब्रेक बूस्टर
यदि ब्रेक बूस्टर डिफेक्टिव हो तो ब्रेक लगाना बहुत कठिन हो जाता है जिस वजह से खतरनाक स्थितियाँ पैदा हो सकती है और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।अक्सर डायाफ्राम या वैक्यूम नली टूटने के कारण ब्रेक बूस्टर विफल हो जाता है। इसलिए समय समय पर ब्रेक बूस्टर की जांच होती रहनी चाहिए। डिफेक्टिव ब्रेक बूस्टर होने पर निम्न संभावना होती है।
(A) ब्रेक पेडल हार्ड
यदि ब्रेक पेडल को नीचे दबाना कठिन हो और दबाने के बाद ऊपर नहीं उठता है तो ब्रेक बूस्टर खराब होने की संभावना होती है।
(B) रुकने की लंबी दूरी
खराब ब्रेक बूस्टर वाले वाहन को रोकना अधिक कठिन हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप रुकने की दूरी लंबी हो सकती है।
(C) ब्रेक लगाते समय इंजन रुक जाता है
यदि ब्रेक बूस्टर में डायाफ्राम टूट गया है, तो यह इंजन से अतिरिक्त वैक्यूम खींच सकता है, जिससे इंजन रुक सकता है।
ब्रेक लाइन्स एंड होसेस
ब्रेक लाइन्स स्टील मैटेरियल की बनी पाइप्स होती है, जो मास्टर सिलेंडर द्वारा प्रत्येक पहिये की ब्रेक असेंबली तक ब्रेक ऑयल ले जाता है।
ब्रेक लाइनें और होज़ ब्रेक ऑयल को मास्टर सिलेंडर से वाहन के सभी चारो पहियों पर कैलीपर्स तक ले जाते हैं। ब्रेक लाइनें वाहन की बॉडी से जुड़ी हार्ड मैटेरियल से बनी ट्यूब होती हैं, और वे ब्रेक ऑयल को पहियों तक पहुंचाती हैं। ब्रेक होज़, ब्रेक लाइनों के अंत में पाए जाते हैं और तरल पदार्थ को प्रत्येक कैलीपर या व्हील सिलेंडर तक लाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ब्रेक होसेस रबर से बने होते हैं ताकि व्हील और सस्पेंशन के बीच होसेस का मूवमेंट आसानी से बना रहे।
डिफेक्टिव ब्रेक लाइन्स एंड होसेस
ब्रेक लाइनें और होज़ हजारों मील तक चलने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन लीकेज या डैमेज की जांच के लिए उनका नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए। यहां बताया गया है कि कैसे जांचें कि आपकी ब्रेक लाइनें या होसेस खराब हो रही हैं।
(A) सॉफ्ट ब्रेक पेडल
यदि किसी लाइन या नली में लीकेज हो गया है,तो ब्रेक को ऑपरेट करने के लिए आवश्यक ब्रेक ऑयल का जरुरी प्रेशर कम हो जाएगा और ब्रेक पैडल सॉफ्ट हो जाएगा जिससे वाहन को रोकने के लिए ब्रेक नही लगेंगे और वाहन का एक्सीडेंट हो सकता है।
(B) क्रैक होसेस
समय समय पर हॉसेस को चेक करते रहना चाहिए क्योंकि इनमे क्रैक डेवलप हो जाते है जिससे ब्रेक ऑयल के लीकेज की संभावना बनी रहती है।
ब्रेक ऑयल
दबावयुक्त ब्रेक द्रव वह माध्यम है जिसके द्वारा वाहन के ब्रेक सिस्टम के यांत्रिक भाग सक्रिय होते हैं। ब्रेक ऑयल को ब्रेक ऑयल कंटेनर से मास्टर सिलेंडर तक भेजा जाता है। फिर ब्रेक लाइनों के माध्यम से प्रत्येक पहिये पर कैलीपर्स या व्हील सिलेंडर (यदि वाहन में पीछे ड्रम ब्रेक हैं) तक जिसमें ब्रेक पैड होते है तक भेजा जाता है। यह हाइड्रोलिक द्रव न केवल प्रत्येक पहिये पर ब्रेक पैड और पीछे के लाइनर (यदि ड्रम ब्रेक है) को एक्टिव करता है, बल्कि यह लुब्रिकेंट के रूप में भी कार्य करता है जिससे ब्रेक सिस्टम मै जंग ना लगे।
डर्टी ब्रेक ऑयल
ब्रेक ऑयल वाहन की मेंटेनेंस का जरुरी पार्ट है,इसे समय समय पर चेक करते रहना चाहिए ये एक नियमित रखरखाव आइटम है, जिसकी जांच लगभग हर सर्विस पर 10,000 मील पर की जानी चाहिए।यदि ब्रेक ऑयल दूषित,कीचड़युक्त या इसका स्तर बहुत कम है, तो इन लक्षणों का सामना कर सकते है ।
(A) सॉफ्ट ब्रेक पेडल
यदि पेडल अत्यधिक सॉफ्ट और दबाने के बाद रिटर्न नहीं होता है तो ब्रेक ऑयल बहुत अधिक कम हो गया है या कही ना कही कोई लीकेज हो रहा है।
(B)लो इफेक्टिव ब्रेक
यदि ब्रेक ऑयल दूषित,कीचड़युक्त या इसका स्तर बहुत कम है तो पैडल द्वारा दबाव पड़ने पर प्रभावी रूप से काम नहीं करेगा और वाहन ब्रेक लगाने पर लंबी दूरी तक जा कर रूकेगा।
(C)इंजन लाइट: वाहन ब्रेक ऑयल कंटेनर में एक सेंसर लगा होता है जो ब्रेक ऑयल का स्तर कम होने पर डैशबोर्ड पर ब्रेक चेतावनी लाइट को सक्रिय करता है।
ब्रेक कैलिपर्स
यह एक मेटल क्लैंप होता है जो ब्रेक डिस्क या रोटर पर फिक्स होता है और ब्रेक पेडल दबाए जाने पर ब्रेक पैड को एक्टिव करता है।
ब्रेक कैलीपर्स प्रत्येक पहिये पर रखा गया एक घटक है और केवल डिस्क ब्रेक सिस्टम में पाया जाता है। वे पहिया की डिस्क या रोटर पर धातु क्लैंप के रूप में कार्य करते हैं। जब ब्रेक पेडल लगाया जाता है, तो ब्रेक द्रव कैलीपर के अंदर पिस्टन के एक सेट को सक्रिय करता है, जो रोटर के खिलाफ ब्रेक पैड को दबाता है और वाहन को धीमा कर देता है
डिफेक्टिव ब्रेक कैलीपर्स
ब्रेक कैलीपर्स लो मेंटेनेंस पार्ट होता है लेकिन जैसे-जैसे वे पुराने होते हैं, कैलीपर लीक हो जाता है या स्टक भी हो सकता है।
(A) लीकेज
ब्रेक लगाने से गर्मी के लगातार संपर्क में रहने से कैलिपर की रबर सील क्रैक हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप वाहन के नीचे और पहियों के पास ब्रेक ऑयल का रिसाव हो सकता है।
(B)कम प्रभावी ब्रेक:
यदि कैलीपर पर बहुत अधिक गंदगी जमा हो गई हो तो कैलीपर स्लाइडर फंस सकते हैं, जिससे कैलीपर रोटर को पूरी तरह से जकड नही पाता है और ब्रेक पेडल सॉफ्ट हो जाता है।
(C) कार एक तरफ खींचती है
जैसे ही कैलिपर गर्मी के संपर्क से घिसना शुरू करता है तो उसके पिस्टन सीज हो जाने से पहिये को पकड़ लेते हैं और उस पर खिंचाव हो सकता हैं, जिससे वह एक तरफ खिंच जाता है। कैलीपर पर बहुत अधिक गंदगी जमा हो तो रोटर से ब्रेक पैड को पूरी तरह से वापस लेने में असमर्थ हो सकता है, जिससे सवारी को ऐसा महसूस होता है कि ब्रेक आंशिक रूप से लगे हुए हैं, भले ही आपका पैर पैडल से दूर हो।
ब्रेक रोटर्स एंड ड्रम
रोटर्स या डिस्क ब्रेकिंग सिस्टम की फाउंडेशन होते है, रोटर्स स्टील से बने होते हैं। जब ब्रेक पेडल दबाया जाता है, तो ब्रेक पैड मजबूती से घूमती हुई डिस्क को जकड़ लेते है दोनो के घर्षण के कारण वाहन की गति को कम या रोक देते हैं।
ब्रेक रोटर मेटल डिस्क होती है जो व्हील हब से जुड़ी होती है,जो केवल डिस्क ब्रेक सिस्टम पर पाई जाती है। यह पहिये के साथ घूमता है ताकि जब ब्रेक पैड रोटर को जकड़े तो पूरा पहिया रुक जाए। ड्रम ब्रेक सिस्टम में, ब्रेक ड्रम भी पहिये के साथ घूमता है, लेकिन इसमें व्हील सिलेंडर और ब्रेक शूज होते हैं जो ड्रम के घूमने को धीमा कर देते हैं।
डिफेक्टिव ब्रेक रोटोर्स एंड ड्रम
ब्रेक रोटर ब्रेक पैड की तुलना में अधिक समय तक चलते हैं लेकिन गर्मी और घर्षण के कारण घिसाव हो जाता है और अंततः हजारों मील के बाद उन्हें बदलने की आवश्यकता होगी। रोटर्स कभी-कभी रिपेयर भी हो सकते है या पूरी तरह से बदला जा सकता है।
खराब ब्रेक रोटर के इन लक्षणों से सावधान रहें
(A) ब्रेक नाइस
एक रोटर जो विकृत हो गया है, ब्रेक लगाते समय चीखने की आवाज आ सकती है और यदि रोटर गंभीर रूप से खराब हो गया है तो खुरचने की आवाज आ सकती है।
(B) ब्रेक पेडल वाइब्रेशन
यदि एक या अधिक रोटर विकृत हैं, तो यह ब्रेक पेडल या स्टीयरिंग व्हील (ब्रेकिंग के दौरान) के माध्यम से महसूस होने वाले अनियमित कंपन का कारण बन सकता है।
(C) रोटर पर लाइनिंग
चूंकि ब्रेक पैड और रोटर एक दूसरे से घर्षण के कारण खराब हो जाते हैं, रोटर पे लाइनिंग के निशान आ जाते हैं जिन्हें सुरक्षित ब्रेकिंग बनाए रखने के लिए फिर से टर्निंग की आवश्यकता हो सकती है नही तो ब्रेक लगने के बाद भी रुकने की दूरी को बढ़ा सकते हैं।
ब्रेक पैड एंड ब्रेक शूज
ब्रेक पैड केवल डिस्क ब्रेक सिस्टम में पाए जाते हैं, जबकि ब्रेक शूज ड्रम ब्रेक सिस्टम में पाए जाते हैं। डिस्क ब्रेक के साथ ब्रेक पैड घर्षण मैटेरियल की तरह कार्य करते हैं जो वाहन को धीमा करने के लिए रोटर के खिलाफ कार्य करता है। ड्रम ब्रेक पर ब्रेक शूज एक ही कार्य करते हैं, सिवाय इसके कि वे ड्रम के अंदर दबाकर घर्षण पैदा करते हैं।
डिफेक्टिव ब्रेक पैड/ब्रेक शूज
ब्रेक पैड एक नियमित रखरखाव आइटम हैं और नियमित अंतराल पर इन्हे चेंज करने की आवश्यकता है। ब्रेक पैड की लाइफ 20,000 से 70,000 kms के बीच हो सकती हैं। हालांकि देख कर बताना एक बेहतर तरीका है कि आपके पैड को बदलने की आवश्यकता है या नहीं कि वे कितने पतले हैं। जब मोटाई में लगभग 3 से 4 मिमी रह जाए तो ब्रेक पैड को रिप्लेस किया जाना चाहिए।
ब्रेक पैड शोर करते है जब वे बहुत पतले हो जाते हैं जिससे पता चलता है कि उन्हें रिप्लेस करने की आवश्यकता है। यदि एक कठोर पीसने वाला शोर करता हैं, तो इसका मतलब है कि पैड पूरी तरह से घिसे हुए हैं और रोटर के मेटल के साथ घिस रहे हैं तो वाहन के ब्रेक पैड को रिप्लेस करने की अवश्यकता है।
ब्रेक ऑयल कंटेनर
एक कंटेनर मै ब्रेक ऑयल को एक लेवल तक भरा जाता है और हवा के नमी से बचा कर रखता है ब्रेक सिस्टम के ठीक से काम करने के लिए कंटेनर में ब्रेक ऑयल का स्तर पर्याप्त होना चाहिए।
अगले आर्टिकल मै पढ़ेंगे एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) ,एयर ब्रेक सिस्टम(एयर ब्रेक कैसे काम करते हैं?एयर ब्रेक सिस्टम का उपयोग मुख्यता डीजल वाहनों मै किया जाता हैं)। एवम कॉम्पोनेंट के बारे मै पढ़ेंगे, जिनमें शामिल हैं।
व्हील स्पीड सेंसर,वाल्व,पंप , कंट्रोलर्स
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