कार में सेंसर के प्रकार और कार्यप्रणाली

 


कार में सेंसर के प्रकार और कार्यप्रणाली 

कंप्यूटर विज्ञान की प्रगति के साथ आधुनिक वाहनो में सेंसरों का उपयोग जरूरी हो गया है ये सेंसर वाहन सुरक्षा के साथ साथ वाहन में उत्पन खराबी को भी सचेत करते है। जिससे चालक बिना टेंशन के वाहन को ड्राइव कर सकता है।

कस्टमर की बढ़ती डिमांड एवं सुविधानुसार वाहन कंपनीज ने कई मोडिफिकेशन किए जिससे वाहन मै  सेंसरों की संख्या भी बढ़ती गई  है। 

सेंसर्स का एकमात्र उद्देश्य दोषपूर्ण भागों या वाहन की खराबी का पता लगाने के साथ ये सेंसर वाहन को ट्रबल फ्री यात्रा देते हैं।

यह जानने के लिए नीचे पढ़ते है कि सेंसर वाहन के लिए क्यों आवश्यक हैं।

कार सेंसर 

कार सेंसर आपके वाहन में खराबी या बाधाओं की निगरानी करने और उस अनुसार ड्राइवर को सचेत करने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है। 

ये ऑटोमोटिव सेंसर अक्सर स्थिति के अनुसार विभिन्न प्रकार के इंजनों Different Types Of Car Engines.html में अलग-अलग बदलाव करते हैं। 

आज कार सेंसर आधुनिक कार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। 

इसका एकमात्र कार्य वाहन और सवारों के लिए किसी भी खतरे को महसूस करना है, जिससे कार पहले से अधिक स्मार्ट हो जाती है।

पहले सेंसर केवल इंजन के प्रदर्शन के लिए काम करते थे। लेकिन अब कंप्लीट वाहन मै इनका उपयोग होता है।https://www.learnautomobileengineering.com/2024/08/blog-post_22.html

हालाँकि, आज की तकनीकी प्रगति के साथ, अधिकांश ऑटोमोटिव कार्यों में एक सेंसर शामिल होता है। 

वाहन संबंधी किसी भी समस्या को पहले से जानने के अलावा कार सेंसर कार के ईंधन या ऑक्सीजन सेवन की निगरानी करते हैं।

कार सेंसर के कार्य

जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कार सेंसर के कार्य "सेंसिंग"या निगरानी के इर्द-गिर्द घूमते हैं।

कार सेंसर का प्राथमिक कार्य डेटा एकत्र करना और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल सिस्टम (ईसीएस) को भेजना है। 

ईसीएस में एल्गोरिदम शामिल हैं जो दिए गए परिदृश्य में विशिष्ट कार्रवाई करने में उनकी सहायता करते हैं।

ये ऑटोमोटिव सेंसर और ईसीएस भौतिक और रासायनिक परिवर्तन कर के विद्युत संकेतों में परिवर्तित करते हैं और चालक उनके अनुसार एक्शन लेता है।

कार सेंसर की कार्यप्रणाली को सरल शब्दों में समझने के लिए, आइए एक मानव शरीर की कल्पना करें।

हम अपनी पांच इंद्रियों के बारे में जानते हैं जो हमें हमारे बाहरी परिवेश के बारे में जागरूक रखती हैं, और हमारे आस-पास अचानक होने वाले बदलाव का संकेत देती है। जिससे संबंधित गतिविधियां होती हैं।

कार सेंसर इन इंद्रियों की तरह हैं ।वे बताते हैं कि क्या इसके आंतरिक हिस्सों में कुछ गड़बड़ है या आस-पास कोई बाधा है। जब कोई समस्या होती है, तो कार सेंसर उनका पता लगाते हैं और प्रोसेसर को एक संदेश भेजते हैं। प्रोसेसर चालक को ऑडियो अलार्म या डैशबोर्ड स्क्रीन पर एरर लाइट के माध्यम से सूचित करेगा। 

इसके अलावा, यदि समस्या के लिए त्वरित सहायता की आवश्यकता हो तो मशीनें रिफ्लेक्स कार्रवाई शुरू कर सकती हैं।

उदाहरण के लिए कार में फ्यूल लेवल सेंसर यह निर्धारित करता है कि वाहन में ईंधन का स्तर क्या है।यदि ईंधन स्तर निर्धारित सीमा से कम है तो यह आपको फिर से भरने के लिए संकेत देगा।

अनावश्यक फ्यूल ड्रेनेज हो और शेष मात्रा कम हो तो ईंधन स्तर सेंसर सचेत भी करेगा। आपके ड्राइविंग अनुभव को आसान बनाने के लिए आधुनिक कारें ईंधन स्तर सेंसर को जीपीएस से भी जोड़ती हैं। इससे आपको पता चलता है कि आप बचे हुए ईंधन से कितनी दूर तक दौड़ सकते हैं।

टाइप्स आफ कार सेंसर्स 

पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक कारों में सेंसर की संख्या में वृद्धि हुई है। इनके द्वारा वाहन के सेंसिंग कौशल को बढ़ाने से कार की लंबी उम्र के साथ-साथ एक सुरक्षित और सुविधाजनक सवारी सुनिश्चित होती है।

एक आधुनिक कार में कई सेंसर शामिल होते हैं। हालाँकि सभी वाहनों में उनमें से सभी ना हो कर जरूरत/आवश्यकता अनुसार होते है। इसलिए यहां 12 आवश्यक प्रकार के ऑटोमोबाइल सेंसर के बारे मै जानकारी देते हैं, जो आपको लगभग किसी भी कार में मिलेंगे।

(1)इनटेक एयर टेंपरेचर (IAT) सेंसर 



इनटेक एयर टेंपरेचर सेंसर इनटेक मैनिफोल्ड के साथ लगा होता हैं।इनटेक मैनिफोल्ड के अंदर आने वाली हवा के तापमान को जांचने के लिए सेंसर के टिप को खुला छोड़ दिया जाता है। यह सेंसर इंजन में प्रवेश करने वाली हवा के तापमान की निगरानी करने में मदद करता है।
यह इंजन में प्रवेश करने वाली हवा की जाँच करके ईंधन और ऑक्सीजन का आनुपातिक मिश्रण सुनिश्चित करता है। IAT सेंसर सक्शन पाइप के माध्यम से प्रवेश करने वाली हवा के तापमान की जांच करता है और इंजन कंट्रोल यूनिट को संकेत देता है।Electric-Control-Unit(ECU)

(2)कूलेंट टेम्परेचर सेंसर 


इसे इंजन कूलेंट टेम्परेचर सेंसर (ECTS) के रूप में भी जाना जाता है, यह कार के कूलिंग सिस्टम के साथ इंजन के तापमान को मापता है। इंजन के ज़्यादा गर्म होने से इंजन मै फेलियर हो सकता है। इसलिए यह सेंसर ईसीएस को इंजन के ताप के स्तर के बारे में सूचित करता है।
यदि तापमान उच्चतम लेवल से ऊपर बढ़ जाता है तो ईसीयू कूलिंग  (Cooling-system)  प्रक्रिया शुरू कर देता है। कार के कूलिंग कंपोनेंट में थर्मोस्टेट, एग्जॉस्ट, कूलिंग पंखे, रेडिएटर, ओवरफ्लो टैंक और होसेस शामिल होते हैं। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी मै यदि वाहन के इंजन का तापमान अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच जाता है तब कूलिंग सिस्टम इंजन को बंद कर देता है।कार में कूलेंट तापमान सेंसर इंजन कूलिंग सिस्टम के थर्मोस्टेट वाल्व Thermostate Valve के पास लोकेट होता है।

(3)ऑक्सीजन सेंसर

वाहन के इंजन मै प्रोपर इग्निशन और सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। ज्यादा या कम ऑक्सीजन की मात्रा समस्याएँ पैदा कर सकती है। यहीं पर ऑक्सीजन सेंसर काम में आते हैं।
जैसा कि नाम से पता चलता है, ऑक्सीजन सेंसर निकास में ऑक्सीजन स्तर निर्धारित करते हैं और इसकी तुलना इंजन के आसपास ऑक्सीजन स्तर से करते हैं। यह डेटा सेंसर को यह निर्धारित करने में मदद करता है कि इंजन को चलने के लिए पर्याप्त ईंधन-वायु अनुपात प्राप्त होता है या नहीं। वायु-ईंधन मिश्रण का आनुपातिक प्रतिशत इंगित करता है कि उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली और निकास प्रणाली सही ढंग से काम कर रही है।
ऑक्सीजन सेंसर कैटेलिटिक कनवर्टर के बाद एग्जॉस्ट मैनिफोल्ड Intek-and-exhaust-manifold के पास स्थित होता है। पहले कारें एक ऑक्सीजन सेंसर पर काम करती थीं। आज आधुनिक वाहन ऑक्सीजन के लिए चार सेंसर के साथ आते हैं।

(4)कैमशाफ्ट पोजीशन सेंसर 


ऑपरेशन के दौरान इंटेक और एग्जॉस्ट वाल्व के खुलने और बंद होने को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी इंजन कैमशाफ्ट की होती है।
कैमशाफ्ट के खुलने और बंद होने के समय को बनाए रखने के लिए कैमशाफ्ट स्थिति सेंसर द्वारा कंट्रोल होता है।
वे सुनिश्चित करते हैं कि हवा सिलेंडर में प्रवेश करे और जली हुई गैसें सही समय पर बाहर निकलें।
गलत टाइमिंग के परिणामस्वरूप सिलेंडर को नुकसान हो सकता है, अंततः इंजन के पावर आउटपुट पर असर पड़ सकता है।

(5)फ्यूल टेंपरेचर सेंसर 

कार के लिए ईंधन बेहद जरूरी है। इसलिए उचित दहन के लिए फ्यूल का सही रेशो एवं लेवल की आवश्यकता होती है। यदि ईंधन बहुत गर्म है, तो यह जल्दी जल जाएगा, जिससे दहन तेज हो जाएगा। वहीं अगर बहुत ठंडा ईंधन इंजन में प्रवेश कर जाए तो उसे जलने में अधिक समय लगेगा।ईंधन सेंसर यह निरीक्षण करता है कि कार में प्रवेश करने वाले ईंधन का तापमान करेक्ट स्तर पर है या नहीं। यह डेटा ECU को भेजा जाता है, जो ईंधन तापमान के अनुसार ईंधन की आवश्यकता को बढ़ाता या घटाता है।
यदि ईंधन तापमान सेंसर विफल हो जाता है, तो ईसीयू क्लस्टर पर "चेक इंजन लाइट"का संकेत देगा।

(6)फ्यूल टैंक प्रेशर सेंसर 


फ्यूल टैंक प्रेशर सेंसर ईंधन टैंक असेंबली का हिस्सा है। फ्यूल टैंक प्रेशर सेंसर फ्यूल प्रेशर रेल जिसे कॉमन रेल भी कहते है या फ्यूल प्रेशर लाइन पर स्थित होता है।
यह सेंसर ईंधन टैंक पर ईंधन के दबाव का सर्वेक्षण करता है और किसी भी रिसाव का पता लगाता है क्योंकि ईंधन रिसाव से ईंधन का दबाव बदल जाएगा। बहुत अधिक ईंधन का दबाव वाहन को नुकसान पहुँचाता है क्योंकि यह वायु-ईंधन अनुपात को बिगाड़ देता है।
यदि दबाव में किसी गड़बड़ी का एहसास होता है, तो ईंधन टैंक प्रेशर सेंसर ईसीयू को सूचित करता है, जो आगे पलक झपकते चेक इंजन लाइट के साथ राइडर को संकेत देता है।

(7)थ्रॉटल पोजीशन सेंसर


थ्रॉटल मोटर में हवा और ईंधन के प्रवेश को नियंत्रित करके इंजन की शक्ति को नियंत्रित करता है। यह कार के इंजन मैनिफोल्ड और वाल्व के रूप में कार्य करने वाले एयर इनटेक के बीच स्थित होता है।
थ्रॉटल पोजीशन सेंसर इग्निशन के दौरान इंजन में प्रवेश करने वाले ईंधन और हवा की मात्रा का पता लगाने में मदद करता है। यह सेंसर एक्सीलरेटर पेडल दबाते समय थ्रॉटल की वेंचुरी के कोण या स्थिति को निर्धारित करता है। यह ईसीयू को संकेत देता है कि इंजन को कितने वायु-ईंधन मिश्रण की आवश्यकता है। यह तय करता है कि पर्याप्त वायु-ईंधन को अंदर जाने की अनुमति देने के लिए थ्रॉटल को कितना खोलने या बंद करने की आवश्यकता है।

(8)इंजन स्पीड सेंसर 


यह सेंसर क्रैंकशाफ्ट की गति और स्थिति दोनों पर प्रभावी ढंग से नज़र रखता है।
क्रैंकशाफ्ट की स्थिति निर्धारित करने के लिए उस पर स्पीड सेंसर लगाए गए हैं। फिर ये सेंसर इस जानकारी को इंजन नियंत्रण इकाई तक पहुंचाते हैं।
इंजन नियंत्रण इकाई ईंधन इंजेक्शन के लिए समय की गणना करती है एवं इग्निशन के लिए स्पार्क प्लग को सक्रिय करती है।
टाइमिंग गलत होने पर इंजन की कार्यक्षमता कम हो जाती है। क्योंकि सही समय पे फ्यूल सप्लाई एवं स्पार्क नही हो पाता है।

(9)व्हीकल स्पीड सेंसर 


व्हीकल स्पीड सेंसर (वीएसएस) एंटी-लॉक ब्रेकिंगAnti-lock-braking-system सिस्टम या एबीएस के साथ होता है। यह सेंसर प्रत्येक कार के पहियों की गति को ट्रैक करने में मदद करता है। व्हीकल स्पीड सेंसर (वीएसएस) से इनपुट प्राप्त करने के बाद ईसीयू ब्रेक, वाहन की गति, वायु सेवन, वायु-ईंधन अनुपात और अन्य संबंधित मापदंडों पर निर्णय लेता है। इसलिए, सुरक्षित ड्राइविंग सुनिश्चित करने के लिए वाहन गति सेंसर आवश्यक है।

यह सेंसर फोर व्हील ड्राइव सिस्टम पर चलने वाली कारों का एक अभिन्न अंग है।

(10)टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सेंसर


टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सेंसर चालक को सूचित करता है कि उनके वाहन के चार टायरों में से किसमें हवा का दबाव कम है। टायरों में हवा का दबाव कम होना आपकी सहज सवारी में बाधा बन सकता है। इसलिए टीपीएमएस  कार के टायर/बैलेंसिंग/वोबलिंग/ लो फ्यूल एवरेज आदि समस्याओं के होने से पहले इसका ट्रैक रखने और  फिर से टायर एयर प्रेशर करेक्ट करने का संकेत देता है।

(11)एयरबैग सेंसर 

सुरक्षित ड्राइविंग के संबंध में एयरबैग सेंसर किसी इंपैक्ट के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। जैसे किसी वाहन का अचानक रुकना या टक्कर के कारण जोरदार दबाव, एयरबैग सेंसर को ट्रिगर करता है।
ये सेंसर ब्रेक के दबाव, पहिये की गति या अन्य वस्तुओं के साथ जोरदार टक्कर आदि को सेंस करते हैं। यदि कोई दुर्घटना होती है, तो एयरबैग सेंसर बड़ी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एयरबैग को खोल देना ,सीटबेल्ट को फिक्स करने और दरवाजे के लॉक्स को संचालित करने जैसी कार्रवाई करते है जिससे कोई बड़ी दुघर्टना ना हो ये क्रियाएं मिलीसेकंड के भीतर होती हैं।
एयरबैग सेंसर कार के इन्फ्लेटर सिस्टम को एक सिग्नल भेजते हैं, जो एयरबैग को नाइट्रोजन गैस से भर देता है। यह आगे पीछे या किसी भी प्रकार की टक्कर के दौरान कुशन का काम करता है
ये सेंसर्स कार केबिन मै एंड इंजन के नजदीक होते है।

(12)कार पार्किंग सेंसर्स 


प्रॉक्सिमिटी सेंसर के नाम से भी लोकप्रिय, कार पार्किंग सेंसर्स आस-पास के ऑब्जेक्ट्स का पता लगाने के लिए हाइ पिच वेव्स के रूप में अल्ट्रासोनिक वेव्स रिफ्लेक्ट करते हैं। एक रिसीवर ध्वनि तरंगों को रिसीव करता है और ऑब्जेक्ट की सूचना ईसीएस को देता है जिससे अलार्म द्वारा चालक को सचेत करता है। जब भी कार रुकती है अलार्म बंद हो जाता है।
यह कार सेंसर किसी भी गाड़ी की रियर पार्किंग के लिए काफी फायदेमंद है। कार पार्किंग सेंसर आमतौर पर कार के आगे और पीछे के बंपर के पास स्थित होते हैं।

(13)मैनिफोल्ड एब्सोल्यूट प्रेशर (मैप) सेंसर


इस सेंसर से इंजन के लोड पर नजर रखी जाती है। ये मैनिफोल्ड और बाहरी दबाव के बीच अंतर की गणना करता है।
इंजन मै ईंधन की मात्रा दबाव में परिवर्तन के आधार पर एमएपी सेंसर सुनिश्चित करता है ।
एमएपी सेंसर विफल होने पर ईंधन की खपत बढ़ सकती है।

(14)वोल्टेज सेंसर

वोल्टेज सेंसर वाहन की आइडल गति को नियंत्रित करते है।स्थिति के आधार पर सेंसर आइडल गति को ज्यादा या कम भी कर सकता है।

(15)रैन सेंसर

रैन सेंसर बारिश को डिटेक्ट करते है।
आमतौर पर ये सेंसर विंडस्क्रीन पर स्थित होते हैं। जब बारिश की बूंदे विंडस्क्रीन से टकराती है तो वे इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ईसीयू) को एक संकेत भेजते हैं।
वाइपर से लैस वाहनों में ईसीयू उन्हें सक्रिय करता है। इसलिए जब बारिश होने लगती है तो रेन सेंसर वाइपर को सक्रिय कर देता है।

(16)मास एयर फ्लो सेंसर 

यह सेंसर कार को इंजन में प्रवेश करने वाली हवा के घनत्व के बारे में सूचित करता है। यह प्रोपर फ्यूल  इंजेक्शन https://www.learnautomobileengineering.com/2024/10/fuel-injection-system.html के लिए, ईसीयू को हवा के तापमान और दबाव की जानकारी  देता है। जिससे इंजन को जरूरत अनुसार सही रेशो में एयर की सपलाई हो सके। ऑक्सीजन सेंसर के साथ मास एयर फ्लो सेंसर कुशलता से काम करता है।

मास एयर फ्लो सेंसर कार के एयर फिल्टर के पास स्थित होता है।

(17)NOx सेंसर


ऑटोमोबाइल उत्सर्जन नियंत्रण प्रणालियों के लिए नॉक्स सेंसर आवश्यक हैं। उच्च तापमान वाले उपकरण निकास गैसों में नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) को निर्धारित करने में मदद करते हैं। ये सेंसर ईसीयू को जानकारी देते हैं जो इंजन दहन के दौरान वायु-ईंधन मिश्रण पर काम करता है। इस प्रकार अनिवार्य NOx स्तर प्राप्त करने में मदद मिलती है।
हाइड्रोकार्बन और कार्बन मोनोऑक्साइड के साथ नाइट्रोजन ऑक्साइड एक हानिकारक पर्यावरण प्रदूषक है। इसलिए हानिकारक वाहन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए सख्त मानक हैं। ये मानक किसी वाहन से निकलने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन की संरचना को भी शामिल करते हैं। इसके अलावा NOx सेंसर यह सुनिश्चित करते हैं कि आपका वाहन हवा में अतिरिक्त नाइट्रोजन ऑक्साइड न छोड़े।
यह सेंसर कार के कैटेलिटिक रिडक्शन सिस्टम के पास लगा होता है।

(18)इंजन नॉक सेंसर


इंजन में नॉक सेंसर हवा-ईंधन मिश्रण के किसी भी दहन का पता लगाने के लिए जिम्मेदार होते हैं जिन्हें आमतौर पर नॉक कहा जाता है।
इस तरह की खटखटाहट की घटनाएं इंजन की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
समय के साथ इसके घटकों को संभावित रूप से क्षति पहुँचती है।
वायु-ईंधन मिश्रण की इग्निशन प्रक्रिया की निगरानी करके यह सेंसर इसके इग्निशन में कोई समस्या उत्पन्न होने पर ड्राइवर को सचेत करता है।

इन कार सेंसरों के फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं।

फायदे

  • सेंसर कार में किसी भी समस्या के बारे में पहले ही बता देते हैं
  • एयरबैग सेंसर जैसे कुछ सेंसर खतरे के समय रिफ्लेक्स उपायों को ट्रिगर करते हैं
  • कार सेंसर इंजन और कार के अन्य हिस्सों के उचित रखरखाव में मदद करते हैं
  • इनकी मदद से ख़राब हिस्सों का आसानी से पता लगा सकते हैं
  • पर्यावरण का ध्यान रखते हुए सुविधाजनक ड्राइविंग अनुभव प्रदान करता है

नुकसान 

हालाँकि सेंसर बहुत मददगार होते हैं, लेकिन छोटी-मोटी खराबी के लिए उन्हें बदलने की आवश्यकता होती है।

  • इन आधुनिक कार सेंसरों को बदलना महंगा है
  • जितने अधिक सेंसर होंगे, बैटरी उतनी ही अधिक खर्च होगी
यह सब एक कार में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के सेंसर के बारे में है, जो एक सुरक्षित ड्राइविंग अनुभव सुनिश्चित करता है। सभी कार मालिकों को नियमित रूप से इन कार सेंसरों की स्थिति की निगरानी करनी चाहिए।









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