स्टीयरिंग सिस्टम वर्किंग
स्टीयरिंग सिस्टम वर्किंग
डेफिनेशन ( परिभाषा )
प्रत्येक वाहन में एक स्टीयरिंग सिस्टम होता है, जो वाहन को चलने, मुड़ने, ब्रेक लगाने और सुरक्षित रूप से ड्राइव करने मै सहायक होता है।
इस लेख में हम स्टीयरिंग सिस्टम की वर्किंग, कंस्ट्रक्शन,आधुनिक मानक,स्टीयरिंग सिस्टम फॉल्ट, ब्लीडिंग ऑफ स्टीयरिंग सिस्टम इत्यादि की चर्चा करेंगे।
कार में स्टीयरिंग सिस्टम एक जटिल यांत्रिक प्रणाली है। जो चालक को वाहन की दिशा को नियंत्रित करने मै सहायता करता है। यह संरचनात्मक तत्वों का एक सेट है जिसका मुख्य कार्य स्टीयरिंग व्हील पे बने मूवमेंट को वाहन के पहियों तक पहुंचाना है, स्टीयरिंग सिस्टम के द्वारा ड्राइवर वाहन को सड़क की कंडीशन के अनुसार नियंत्रित कर सकता है, सड़क की स्थिति,मोड या कोई अन्य बदलाव पर वाहन को कंट्रोल कर सकता है और संभावित खतरों से बच सकता है।
स्टीयरिंग सिस्टम वर्किंग एंड कंस्ट्रक्शन
स्टीयरिंग कॉलम-स्टीयरिंग सिस्टम मै स्टीयरिंग कॉलम एक एलिमेंट है जो स्टीयरिंग व्हील को स्टीयरिंग सिस्टम के अन्य कंपोनेंट्स के साथ जोड़ता है ।
स्टीयरिंग गियर-स्टीयरिंग सिस्टम का " हार्ट " होता है स्टीयरिंग व्हील के रोटेशनल मूवमेंट को स्लाइडिंग मूवमेंट में बदलने के साथ वाहन के पहियों पर ट्रांसफर करने का काम करता हैं।
स्टीयरिंग आर्म एंड रॉड्स - इनका कार्य स्टीयरिंग गियर के मूवमेंट को वाहन के पहियों तक ट्रांसफर करना है। इनके द्वारा एंगल चेंज किया जा सकता है, परिणामस्वरूप वाहन को यात्रा के दौरान मोड़ा जा सकता है । बुशइंगस और नक्कल पहियों के सटीक संचालन के लिए जिम्मेदार हैं।
पावर स्टीयरिंग पंप -पावर स्टीयरिंग का उपयोग हैवी व्हीकल्स मै किया जाता था लेकिन इसकी उपयोगिता को देखते हुए अब इनका उपयोग लाइट एंड पैसेंजर व्हीकल्स मै भी किया जाता है । पावर स्टीयरिंग का मुख्य कार्य व्हील को घुमाने के लिए लगने वाले बल को कम करना है, विशेष रूप से भारी वाहनों में या कम गति पर वाहन को टर्न पे घुमाने के लिए पावर स्टीयरिंग फ्ल्यूड को पंप से स्टीयरिंग गियर में पावर स्थानांतरित करता है, जिससे वाहन को नियंत्रित करना आसान होता है साथ ही घुमाव पे वाहन को घूमना आसान होता है।
स्टीयरिंग सिस्टम वर्किंग
स्टीयरिंग सिस्टम का संचालन तब शुरू होता है जब स्टीयरिंग व्हील को घुमाया जाता है। यह गति स्टीयरिंग कॉलम के माध्यम से स्टीयरिंग गियर तक ट्रांसफर होती है। फिर ट्रांसमिशन के प्रकार के आधार पर, स्टीयरिंग व्हील की रोटेशनल गति को स्लाइडिंग मूवमेंट में परिवर्तित किया जाता है, जिसे स्टीयरिंग रॉड्स के माध्यम से पहियों में स्थानांतरित किया जाता है, स्टीयरिंग व्हील को घुमाने के लिए आवश्यक बल हाइड्रोलिक पंप के संचालन से और कम हो जाता है या इलेक्ट्रिक मोटर बूस्टर से जो वाहन के स्टीयरिंग को और हल्का और अधिक आरामदायक बनाता है।
आधुनिक स्टैंडर्ड्स को ध्यान मै रखते हुए आधुनिक स्टीयरिंग सिस्टम को डिज़ाइन किया जाता है ,जो वाहन का नियंत्रण,स्मूथनेस,सुरक्षा, आराम और एफिशिएंसी को बरकरार रखता है।
एडवांस टेक्नोलॉजीज जैसे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम या वेरिएबल स्टीयरिंग रेशो सिस्टम वाहन को टर्न या कंट्रोल करने के लिए लगने वाले बल को ड्राइविंग स्थितियों अनुसार सुगम बनाते है, जो ड्राइवर और यात्रियों के लिए सुरक्षा और आराम के स्तर को और बढ़ाती हैं।
स्टीयरिंग सिस्टम दो तरह के होते हैं इलेक्ट्रिक और हाइड्रोलिक। दोनों एक ही काम करते हैं, लेकिन थोड़े अलग तरीके से। वे आपको स्टीयरिंग में मदद करने के लिए अतिरिक्त ताकत प्रदान करते हैं, खासकर जब आप नियमित गति से गाड़ी चला रहे हों या जब आपका वाहन रुका हुआ हो। आजकल, सड़क पर दिखने वाली ज़्यादातर कारों में पावर स्टीयरिंग सिस्टम होता है।विस्तार से अगले आर्टिकल मै जानेंगे।
स्टीयरिंग सिस्टम इस प्रकार डिजाईन किया गया है यह लंबे समय तक बना ( टिकाऊ) एवं दीर्घकालिक संचालन होता रहे।
स्टीयरिंग सिस्टम मै होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं के बारे मै विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है। जिससे मरम्मत में मदद मिलेगी ।
1.पहियों को घुमाते समय शोर - यह संकेत देता है या तो पावर स्टीयरिंग फ्ल्यूड का लेवल कम है या पावर स्टीयरिंग पंप काम नहीं कर रहा है।
2. अत्यधिक स्टीयरिंग वाइब्रेशन - असमान टायर घिसाव, असंतुलित पहियों और सस्पेंशन समस्याओं के कारण होता है।
3. स्टीयरिंग व्हील में प्ले - यदि वाहन साइड में खींचता है या स्टीयरिंग व्हील में बहुत अधिक प्ले है, तो यह स्टीयरिंग सिस्टम कंपोनेंट्स के अत्यधिक वीयरिंग/टियरइंग के संकेत है जैसे टाई रॉड या उनके छोर मै घिसावट हो सकतीं है इस मामले में पार्ट्स को बदलना होगा।
4.स्टीयरिंग व्हील -यदि स्टीयरिंग व्हील टर्न करने के बाद अपनी न्यूट्रल पोजीशन में धीमी वापसी करता है या रुक-रूक कर आता है, तो हो सकता है स्टीयरिंग फ्लूइड का लेवल कम हो, स्टीयरिंग गियर मै प्रॉब्लम या लुब्रिकेशन कम हो रहा हो ।
5 स्टीयरिंग व्हील को घुमाते समय उच्च प्रतिरोध - पावर स्टीयरिंग फ्ल्यूड लेवल कम, पावर स्टीयरिंग पंप या स्टीयरिंग गियर मै समस्या हो सकती है।
6 पावर स्टीयरिंग सिस्टम में लीक - यह एक गंभीर समस्या है जो पावर स्टीयरिंग के पूर्ण नुकसान का कारण बन सकती है; जितनी जल्दी हो सके रिसाव का पता लगाएं और इसे सील करें या क्षतिग्रस्त हिस्सों को बदलें।
स्टीयरिंग सिस्टम में लूज़नेस के लक्षण-जब वाहन के चलने का ट्रैक अस्थिर है,वाहन को अचानक मोड़ने पे या दिशा में परिवर्तन,वाहन के स्टीयरिंग व्हील में नाइस या प्ले, मुड़ते समय या ड्राइविंग करते समय धक्कों पर, यदि इनमें से कोई भी लक्षण पाया जाता है तो स्टीयरिंग सिस्टम की सावधानीपूर्वक जांच करना और संभवतः घिसे-पिटे तत्वों को बदलना या उन्हें ठीक करना आवश्यक है। कुछ मामलों में स्टीयरिंग सिस्टम को ठीक करना, स्टीयरिंग सिस्टम कंपोनेंट जैसे स्टीयरिंग गियर या पावर स्टीयरिंग पंप को बदलने के बजाय उन्हें ठीक भी करना संभव है।
ब्लीडिंग ऑफ स्टीयरिंग सिस्टम
जब पावर स्टीयरिंग मै समस्याएं होती हैं जैसे सर्विसिंग के बाद स्टीयरिंग सिस्टम पूरी तरह से परफॉर्म नहीं करे या एयर बबल के कारण स्टीयरिंग व्हील टर्न करते समय गैप आ जाए सिस्टम में हवा कई समस्याएं पैदा कर सकती है तो स्टीयरिंग सिस्टम को ब्लीड करना जरूरी है जिसमें लाउड पंप ऑपरेशन, स्टीयरिंग व्हील जर्किंग यहां तक कि पावर स्टीयरिंग का पूर्ण नुकसान हो सकता है।
प्रोसेस ऑफ ब्लीडिंग
स्टीयरिंग सिस्टम में ब्लीडिंग करने के कई चरण शामिल होते हैं:
पावर स्टीयरिंग फ्लूइड का फ्लूइड टैंक लेवल सही होना चाहिए। इंजन चालू करें और स्टीयरिंग व्हील को एक-दो बार क्लॉक वाइस ओर एंटी क्लॉक घुमाएं जो सिस्टम से हवा को बाहर धकेलने में मदद करता है, स्टीयरिंग व्हील को घुमाने के बाद पावर स्टीयरिंग द्रव स्तर की जांच करें और यदि आवश्यक हो तो भरें, प्रक्रिया को तब तक दोहराएं जब तक की सिस्टम मै कोई और एयर बबल न हो और स्टीयरिंग सिस्टम सुचारू रूप से ऑपरेट होता हो।स्टीयरिंग सिस्टम की नियमित रूप से जांच करना और उसका रखरखाव करना सुरक्षित रूप से ड्राइविंग के लिए महत्वपूर्ण है।
अगले लेख मै ब्लीडिंग को स्टेप बाय स्टेप समझेंगे।
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