टॉर्क वर्किंग एंड बेनिफिट्स
टॉर्क वर्किंग एंड बेनिफिट्स
टॉर्क यानी ट्विस्टिंग फोर्स, किसी चीज को घुमाने (रोटेट) वाली शक्ति को कहते हैं. जैसे जनरेटर को ऑन करने के लिए हैंडल को घुमाने में जो फोर्स लगता है वो टॉर्क है. यानि हर वो चीज जिसे घूमने के लिए फोर्स लगता है, उस फोर्स को टॉर्क कहते हैं और इसकी स्पीड को पॉवर कहते हैं
टॉर्क डेफिनेशन
टॉर्क वाहन के इंजन की ताकत या ट्विस्टिंग फोर्स, (घुमाव बल ) का माप है। वाहन का टॉर्क वाहन को आइडियल पोजीशन से आगे बढ़ाता है, जबकि अश्वशक्ति वाहन की स्पीड को लगातार बनाए रखने मै हेल्प करती है।
- टॉर्क, किसी इंजन के क्रैंकशाफ़्ट द्वारा उत्पन्न घूर्णी बल होता है.
- टॉर्क को मापने की इकाई न्यूटन-मीटर (एनएम) होती है.
- टॉर्क एक निश्चित दिशा में काम करता है.
- टॉर्क इंजन द्वारा किए जा सकने वाले काम को मापने का तरीका है.
- वाहन का इंजन जितना ज़्यादा टॉर्क पैदा करता है, उसकी कार्य करने की क्षमता उतनी ही ज़्यादा होती है.
- जब किसी पाने (रिंच) के हैंडिल को खींचा या धक्का दिया जाता है, तो इससे एक बलाघूर्ण उत्पन्न होता है.
- जेनरेटर को ऑन करने के लिए हैंडल को घुमाने में जो बल लगता है, वह टॉर्क है.
बेनिफिट्स आफ टॉर्क
- लो-एंड टॉर्क कम गियर में ड्राइविंग करते समय अधिकतम शक्ति उत्पन्न करने में मदद करता है। इसलिए, यदि आपकी वाहन में लो-एंड टॉर्क है तो वाहन को अधिक सॉफ्टली ड्राइव कर सकते हैं, क्योंकि वाहन को कम गति से तेज करने के लिए गियर को बहुत बार डाउनशिफ्ट नहीं करना पड़ता है।
- उच्च टॉर्क बल से ताकत बढ़ जाती हैं जो भारी भार को आसानी से ट्रांसपोर्ट कर सकता है।
- ऑफ-रोड ड्राइविंग मै वाहन को उच्च टॉर्क द्वारा बल एवम गति प्रदान की जाती है। वास्तव में होता यह है कि टॉर्क की अतिरिक्त मात्रा अधिक शक्ति पैदा करती है, जिससे वाहन ऊपर और खड़ी चढ़ाई पर आसानी से चल पाती है।
उपर्युक्त फैक्टर्स के अलावा एक और बिल्कुल नई तकनीक उपलब्ध है इसे 'टॉर्क वेक्टरिंग’' के नाम से जाना जाता है। यह प्रत्येक पहिये में कुछ स्तरों पर टॉर्क पावर का वितरण सुनिश्चित करता है। टॉर्क वेक्टरिंग तकनीक मुख्य रूप से ऑल-व्हील ड्राइव कारों में उपलब्ध है। सभी चार पहियों पर टॉर्क वितरण से ग्रिपिंग और कार हैंडलिंग में सुधार होता है फ्रट-व्हील ड्राइव कारों के लिए यह नई तकनीक कार के संतुलन को बढ़ाने में प्रभावी ढंग से मदद करती है। फिसलन भरी सड़कों पर गाड़ी चलाते समय यह अधिक उपयोगी होती है।
टॉर्क वर्किंग
वाहन मे इंजन के पिस्टन द्वारा क्रैंकशाफ्ट के साथ उनकी ऊपर और नीचे मूवमेंट के साथ टॉर्क उत्पन्न होता है। इस पूरी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप निरंतर रोटेशन होता है जिससे ड्राइव ट्रेन और ट्रांसमिशन द्वारा टॉर्क को वाहन के पहियों पर स्थानांतरित करते हैं। टॉर्क आउटपुट इंजन के आकार और प्रोसेसिंग डिज़ाइन जैसे कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है।
कार में टॉर्क क्यों जरूरी है?
टॉर्क उन महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है जो कार के इंजन से पावर पैदा करने में मदद करता है। इसे प्रत्येक राउंड पर एलबी/फीट या पाउंड प्रति फीट रोटेशन में मापा जाता है।
क्या टॉर्क कार को तेज़ बनाता है?
अगर आपकी चिंता त्वरण को लेकर है तो टॉर्क एक बड़ी भूमिका निभाता है जो यह निर्धारित करने में मदद करता है कि आपकी कार कितनी तेजी से गति करती है।
क्या उच्च या निम्न टोक़ बेहतर है?
कम आरपीएम पर हाई टॉर्क का मतलब है कि आपकी कार में हॉर्सपावर ज्यादा है। यह तंत्र चीजों को खींचने में मदद करता है। इस तरह का संयोजन मुख्य रूप से ट्रकों और इसी तरह के भारी वाहनों में देखा जाता है। इसके अलावा, उच्च आरपीएम पर उच्च टोक़ शीर्ष गति पर प्रदर्शन सुनिश्चित करता है।
टॉर्क में आरपीएम क्या है?
आरपीएम या राउंड प्रति मिनट अपनी कक्षा के चारों ओर घूमने वाली किसी भी वस्तु के लिए मूल गणना है। टॉर्क और आरपीएम के बीच गणितीय संबंध
H (हॉर्सपावर) = T× RPM/5252 है। यहां 5252 एक कांस्टेंट है।
कारों में NM टॉर्क क्या है?
NM टॉर्क की इकाई है इसका पूर्ण रूप न्यूटन मीटर है। सैद्धांतिक रूप से न्यूटन या पाउंड एक्टिंग फोर्स है जबकि फीट या मीटर लीवर आर्म जिससे ट्विस्ट किया जाता है । टॉर्क को रोटेशनल फोर्स के रूप में भी जाना जाता है।
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