स्टीयरिंग सिस्टम प्रणाली
स्टीयरिंग प्रणाली
समय समय पे स्टीयरिंग सिस्टम के डिजाइन और कार्य करने के तरीके मै वाहन को अधिक कंट्रोल के लिए आवश्यकता अनुसार बदलाव होते रहे है वह पिछले कुछ वर्षों में काफी विकसित हुआ है। आइए सभी विभिन्न प्रकार के स्टीयरिंग सिस्टम के कार्य करने के तरीके को समझते है ।
स्टीयरिंग सिस्टम मूल बातें
एक स्टीयरिंग सिस्टम को स्टीयरिंग व्हील के रोटेशनल फोर्स को वाहन के आगे के पहियों की गति में कन्वर्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। गो-कार्ट एक सरल स्टीयरिंग सिस्टम का एक शानदार उदाहरण है। स्टीयरिंग व्हील नीचे की ओर एक शाफ्ट होता है, जो नीचे की ओर एक आर्म से जुड़ता है। इस स्मॉल आर्म से टाई रॉड के सिरे जुड़े होते हैं, जैसे ही स्टीयरिंग व्हील को घूमते हैं, गति को टाई रॉड के सिरों तक स्थानांतरित कर दिया जाता है, जो पहियों को घुमाता है।
वाहन/ कार का स्टीयरिंग सिस्टम गो-कार्ट की तरह ही काम करता है केवल यह यह थोड़ा अधिक सोफिस्टिकैट और जटिल होता है। स्टीयरिंग व्हील स्टीयरिंग कॉलम से जुड़ता है, जो स्टीयरिंग गियर से जुड़ा होता है। स्टीयरिंग गियर पिटमैन आर्म नामक एक कंपोनेंट को चलाता है, जो कि टाई रॉड सिरों से जुड़ता है। गो-कार्ट की तरह, टाई रॉड के सिरे प्रत्येक पहिये से जुड़े होते हैं और जैसे ही आप अपने स्टीयरिंग व्हील को घुमाते हैं, गति को अपने अगले पहियों में स्थानांतरित करते हैं।
वाहन के पहिये मेटल कंपोनेंट से बने स्पिंडल पर माउंट होते हैं। ये स्पिंडल टाई रॉड के सिरों और पहिये के बीच जुड़े होते हैं। वे तब चलते हैं जब उन्हें स्टीयरिंग लिंकेज द्वारा पुश किया जाता है और खींचा जाता है, जिससे वाहन के पहिये आवश्यकतानुसार घूमते हैं। वे बॉल जोड़ों द्वारा सुरक्षित होते हैं, जो स्पिंडल को वाहन के अलाइनमेंट को आउट किए बिना घूमने की अनुमति देता है।
स्टीयरिंग सिस्टम प्रकार
रैक-एंड-पिनियन स्टीयरिंग
कार या ट्रक मै ज्यादातर रैक-एंड पिनियन स्टीयरिंग सिस्टम का उपयोग होता है। यह सरल प्रणाली दो मुख्य भागों से बनी है: रैक धातु का एक क्षैतिज टुकड़ा जिसके ऊपर की तरफ दांत होते हैं, और पिनियन गियर, स्टीयरिंग शाफ्ट के अंत में एक गोल गियर जो रैक के दांतों के साथ जुड़ा होता है। यह यांत्रिक प्रणाली आम तौर पर एक ट्यूब के अंदर स्थापित की जाती है। जैसे ही वाहन का स्टीयरिंग व्हील घुमाते हैं, स्टीयरिंग शाफ्ट और पिनियन गियर उसके साथ घूमते हैं। इसके बाद यह रैक को एक तरफ या किसी अन्य पर स्थानांतरित कर देगा, जिससे टाई रॉड के सिरे स्पिंडल और पहियों को वांछित दिशा में ले जाएंगे।
पिनियन गियर पर दांतों की संख्या वाहन के स्टीयरिंग पर भी प्रभाव डालेगी। कम दांतों से स्टीयरिंग व्हील को घुमाना आसान हो जाएगा, लेकिन तेज मोड़ को पूरा करने के लिए अधिक घुमाव की आवश्यकता होगी। अधिक दांत वाहन को तेजी से मोड़ देंगे लेकिन इसे पूरा करने के लिए थोड़ी अधिक ताकत की आवश्यकता होगी। अधिकांश आधुनिक वाहनो मै घुमावों को पूरा करने के लिए आवश्यक प्रयास को कम करने के लिए इस स्टीयरिंग सिस्टम को पावर स्टीयरिंग सिस्टम के साथ जोड़ा जाता है।
पावर-असिस्टेड रैक-एंड-पिनियन स्टीयरिंग
जैसा कि उल्लेख किया गया है, रैक-एंड-पिनियन स्टीयरिंग का उपयोग करने वाले कई आधुनिक वाहनों को पावर स्टीयरिंग सिस्टम के साथ भी जोड़ा जाएगा। इस जोड़ी को पावर-असिस्टेड रैक-एंड-पिनियन स्टीयरिंग के रूप में जाना जाता है। इस प्रणाली में रैक पर स्थित एक सिलेंडर और पिस्टन शामिल है। पिस्टन दोनों तरफ पावर स्टीयरिंग लाइनों से जुड़ा हुआ है। लाइनें रैक के बाहर स्थित पावर स्टीयरिंग पंप से पावर स्टीयरिंग तरल पदार्थ पहुंचाने के लिए एक मार्ग प्रदान करती हैं। जैसे ही वाहन का स्टीयरिंग व्हील घुमाते हैं, पावर स्टीयरिंग पंप पर एक रोटरी वाल्व पिस्टन के उस विशेष पक्ष में अधिक पावर स्टीयरिंग तरल पदार्थ को निर्देशित करता है, जो स्टीयरिंग को आसान बनाने में मदद करता है। एक सीधी रेखा में गाड़ी चलाते समय, रोटरी वाल्व पिस्टन के दोनों किनारों पर समान मात्रा में दबाव सुनिश्चित करेगा।
वाहन कि स्पीड, टर्निंग फोर्स एंड वजन/लोड के अनुसार फ्ल्यूड प्रेशर अलग अलग हो सकता है।
पावर-असिस्ट सिस्टम के साथ कम गति (जैसे पार्किंग करते समय) पर गाड़ी चलाते समय आसान मोड़ लेने में सक्षम होते हैं और हाइवे पर स्पीड से यात्रा करते समय अधिक नियंत्रण रख पाते हैं।
रिसरक्यूलेटिंग बॉल स्टीयरिंग
पावर स्टीयरिंग से पहले रीसर्क्युलेटिंग बॉल स्टीयरिंग प्रणाली का उपयोग किया जाता था । रीसर्क्युलेटिंग बॉल सिस्टम कुछ प्रमुख अंतरों के साथ रैक-एंड-पिनियन सिस्टम के समान कार्य करता है। दांतों के बजाय रीसर्क्युलेटिंग बॉल सिस्टम मै बोल्ट के समान एक लंबे सर्पिल वर्म गियर का उपयोग किया जाता है। इस प्रणाली में स्टीयरिंग शाफ्ट होती है जो स्टीयरिंग व्हील को घुमाते समय घूमती है इस सिस्टम मै शाफ्ट पिनियन के बजाय वर्म गियर को घुमाता है। वर्म गियर को दांतों वाले धातु के बक्से के अंदर डाला जाता है। धातु ब्लॉक के दांत गति को सेक्टर गियर में स्थानांतरित करते हैं सेक्टर गियर मै केवल एक तरफ दांत होते हैं।
सेक्टर गियर एक लीवर को घुमाता है जिसे पिटमैन आर्म के रूप में जाना जाता है, जो स्टीयरिंग लिंकेज से अटैच होती है। यह लिंकेज आंतरिक और बाहरी टाई रॉड्स से जुड़ी होती है जो स्पिंडल से जुड़े होते है और टर्निंग मोशन को पूरा करते हैं। धातु ब्लॉक के अंदर कई छोटे बॉल बेयरिंग मौजूद है बॉल बेयरिंग वर्म गियर और दांतों के बीच घर्षण को कम करते हैं, साथ ही बोल्ट और थ्रेड्स के बीच के स्लैक को खत्म करते हैं। इसलिए इस सिस्टम को “रीसर्क्युलेटिंग बॉल” कहा जाता है।
स्टीयरिंग को ज्यादा स्मूथ बनाने के लिए पावर स्टीयरिंग कंपोनेंट को रीसर्क्युलेटिंग बॉल सिस्टम के साथ भी जोड़ा जा सकता है। यह पावर-असिस्टेड रैक-एंड-पिनियन सिस्टम के समान ही संचालित होता है। स्टीयरिंग को स्मूथ बनाने के लिए ब्लॉक के एक निश्चित तरफ दबावयुक्त पावर स्टीयरिंग द्रव एप्लाइ किया जाता है।
इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग
इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग सभी स्टीयरिंग सिस्टम के कंपैरिजम मै सबसे ज्यादा वर्किंग एफिशिएंट,फ्यूल एफिशिएंट स्टीयरिंग सिस्टम होता है।
इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम मै पावर स्टीयरिंग पंप के स्थान पर एक इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करते हैं । यह इलेक्ट्रिक मोटर या तो रैक-एंड-पिनियन असेंबली से या सीधे स्टीयरिंग शाफ्ट पर जुड़ी होती है। सेंसर द्वारा सेंस करके कि ड्राइवर किस दिशा में मुड़ना चाहता है मोटर को उस दिशा में अधिक शक्ति प्रदान करता है।
अलाइनमेंट
अलाइनमेंट स्टीयरिंग सिस्टम का महत्व्पूर्ण भाग है यह जरूरी नही है की वाहन मै किस प्रकार का स्टीयरिंग सिस्टम उपयोग हो रहा है, लेकिन अलाइनमेंट वाहन के स्टीयरिंग के कार्य के लिए महत्वपूर्ण है। खराब अलाइनमेंट कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें आपके वाहन को एक तरफ खींचना, मोड़ पूरा करने के बाद वाहन को केंद्र से दूर रहना, टायर का अनईवन घिसना और टक्कर लगने के बाद एक तरफ मुड़ना शामिल है । लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है। स्टीयरिंग सिस्टम में तीन अलाइनमेंट एंगल होते हैं toe,camber एंड caster ये आपस में जुड़े होते हैं और आपके टायर घिसाव को प्रभावित करते हैं और आपकी कार की हैंडलिंग को प्रभावित करते हैं।
टो
टो वाहन के केंद्र के अनुसार टायर फेंसिंग की दिशा को कंट्रोल एंड एडजस्ट करता है। यह सबसे कॉमन अलाइनमेंट कोण है जिसे एडजस्टमेंट की आवश्यकता होती है। यदि यह क्लोज है तो वाहन के टायर असमान घिसेंगे एवं वाहन के एक तरफ खींचने की शिकायत या टायरों एवं पहियों से आने वाली चीखने की आवाज़ भी देख सकते हैं।
कैम्बर
कैम्बर टायरों के वर्टिकल झुकाव को एडजस्ट करता है। नकारात्मक कैम्बर का अर्थ है कि टायरों का शीर्ष अंदर की ओर झुका हुआ है, जबकि सकारात्मक कैम्बर का तात्पर्य टायरों के शीर्ष से बाहर की ओर झुकाव से है। खराब कैम्बर वाहन के टायर, बॉल जॉइंट्स, बियरिंग्स और स्पिंडल को खराब कर सकता है।
कैस्टर
वाहन के कैस्टर को किनारे से देख सकते है । यह वाहन के स्टीयरिंग एक्सेस का कोण है। एक अच्छा कैस्टर कोण एक सीधी रेखा में गाड़ी चलाते समय स्थिरता को बढ़ावा देगा। खराब कैस्टर कोण के कारण वाहन अस्थिर महसूस करेगा। कार के कैस्टर को आमतौर पर एडजस्ट नहीं किया जा सकता है। इसे तब सेट किया जाता है जब वाहन का निर्माण किया जाता है और इसे केवल दुर्घटना के बाद या स्टीयरिंग और सस्पेंशन बहुत खराब होने पर रीसेट करने की आवश्यकता होती है।
स्टीयरिंग सिस्टम रखरखाव
वाहन के स्टीयरिंग सिस्टम मै बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। यदि वाहन में पावर स्टीयरिंग है (जैसा कि अधिकांश आधुनिक वाहन मै होता हैं) तो पावर स्टीयरिंग फ्ल्यूड का निरीक्षण और चेंज करना नियमित रखरखाव का एक हिस्सा है।
दूसरा सबसे महत्वपूर्ण स्टीयरिंग सिस्टम रखरखाव वाहन के अलाइनमेंट का सही एडजस्टमेंट। किसी भी समय जब वाहन के टायर बदलते हैं या एक दिशा में खिंचाव महसूस करते हैं तो वाहन के अलाइनमेंट की जांच करवाएं।
अगले आर्टिकल में स्टीयरिंग कंपोनेंट्स के बारे मै विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
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